कोलीन नाड़ी कोशिका, इनके बाहरी आवरण और नाड़ीसंदेश अभिग्राहकों के निर्माण और रख रखाव के लिए भी आवश्यक है।
2.
चैनल-ब्लाकरों की तरह काम करते हैं और चूहे की नाड़ी कोशिका में डीपोलराइजेशन के प्रति संवेदनशील कैल्शियम अपटेक को प्रतिबंधित करते हैं.
3.
यह मस्तिष्क की विभिन्न कोशिकाओं के बीच सम्पर्क, संवाद,समन्वय, संचारव सहयोग को सरल, सहज, स्निग्ध, सुचारु व सशक्तबनाता है क्योंकि यह नाड़ी कोशिका के बाह्य आवरण, एसीटाइलकोलीन के अभिग्राहक स्थलों के निर्माण का मुख्य “अणु” है।